बैंक खाता रखने वाले ग्राहकों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में कुछ जरूरी नियमों में बदलाव किया है, जो सीधे तौर पर उनके खातों की स्थिति को प्रभावित करते हैं। ये नियम खासकर उन खातों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो लंबे समय से निष्क्रिय पड़े हैं या जिनमें कोई लेन-देन नहीं हुआ है। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, बैंक प्रक्रिया को सरल बनाना और ग्राहकों को बेहतर सुविधा प्रदान करना है।
अगर आपका खाता कई महीनों से चलन में नहीं है या आपने KYC अपडेट नहीं किया है, तो यह नया नियम आपके लिए बहुत जरूरी हो सकता है। खास यह भी है कि अब आपको सिर्फ अपनी शाखा में ही नहीं, बल्कि किसी भी शाखा में जाकर KYC अपडेट कराने की सुविधा दी जा रही है। साथ ही ग्राहक वीडियो कॉल के जरिए भी यह कार्य कर सकते हैं। ऐसे बदलाव न केवल खाताधारकों को सहूलियत देंगे, बल्कि बैंकिंग धोखाधड़ी जैसे मामलों से भी सुरक्षा प्रदान करेंगे।
Bank New Rule Update 2025
आरबीआई ने 12 जून 2025 को एक नई अधिसूचना जारी करते हुए निष्क्रिय बैंक खातों के संचालन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिन खातों में पिछले दो वर्षों से कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है, उन्हें Inoperative यानी निष्क्रिय मान लिया जाता है। ऐसे खातों को दोबारा चालू करने के लिए अब KYC प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है।
ग्राहक अब किसी भी बैंक शाखा में जाकर अपना KYC अपडेट कर सकते हैं। उन्हें विशेष रूप से अपनी होम ब्रांच (मूल शाखा) में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस अपडेट की सुविधा अब वीडियो कॉल के जरिए भी दी जा रही है, ताकि दूर-दराज के ग्राहक भी आसानी से प्रक्रिया पूरी कर सकें। बैंक अपने प्रतिनिधियों यानी बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स के जरिए भी यह सेवा ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं।
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे निष्क्रिय खातों की समय-समय पर समीक्षा करें और ग्राहकों को जागरूक करें कि वे अपने खाते को चालू रखें या आवश्यक KYC दस्तावेज प्रदान करें। इससे बैंक के भीतर स्पष्टता बनी रहेगी और गैरकानूनी लेन-देन पर निगरानी रखी जा सकेगी।
नाबालिग और बचत खातों के लिए नई गाइडलाइंस
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, नाबालिगों के लिए खाता खोलने की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं। अब 10 वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चे बैंक खाता स्वयं संचालित कर सकते हैं, यदि बैंक की नीति इसकी अनुमति देती है। हालांकि, इस प्रकार के खातों में बैंक सिर्फ सीमित सेवाएं देंगे और जोखिम प्रबंधन से जुड़ी पॉलिसी भी लागू की जाएगी।
माता-पिता या अभिभावक 10 साल से कम उम्र के बच्चों के नाम पर खाता खोल सकते हैं और संचालन भी वही करेंगे। खाते में चेकबुक, डेबिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग सेवाएं देना बैंक की नीति और ग्राहक के व्यवहार पर निर्भर करेगा। साथ ही नाबालिग खातों में ओवरड्राफ्ट की सुविधा नहीं दी जाएगी ताकि बच्चे अपने बजट के अनुसार खर्च करने की आदत डाल सकें।
जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, तब उस खाता को नियमित (एडल्ट) खाते में परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए नए सिग्नेचर, पहचान पत्र और ग्राहक की सहमति आवश्यक होगी।
निष्क्रिय और शून्य-बैलेंस खातों पर असर
1 जनवरी 2025 से निष्क्रिय या शून्य-बैलेंस वाले खातों को लेकर बैंकों ने कड़ा रुख अपनाया है। अगर किसी खाते में वर्षों तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है, और वह निष्क्रिय पड़ा है, तो ग्राहकों को इसका अपडेट देना जरूरी है। अन्यथा ऐसे अकाउंट्स को बंद किया जा सकता है या संबंधित राशि भारत सरकार के ‘Depositor Education and Awareness Fund’ (DEAF) में ट्रांसफर कर दी जाती है।
इस फंड का मुख्य उद्देश्य लोगों को बैंकिंग शिक्षा और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। अगर किसी व्यक्ति का खाता लंबे समय से निष्क्रिय था और धन DEAF में ट्रांसफर हो गया है, तो वह उचित प्रक्रिया पूरी कर उस राशि को दोबारा प्राप्त कर सकता है।
बैंकों को कहा गया है कि वे ऐसे खातों को स्वेच्छा से बंद न करें, बल्कि ग्राहकों के साथ संपर्क कर उन्हें जानकारी दें और KYC अपडेट के लिए प्रोत्साहित करें।
KYC अपडेट की आसान प्रक्रिया
KYC यानी ‘Know Your Customer’ प्रक्रिया अब पहले की तुलना में काफी आसान हो गई है। पहले ग्राहकों को इसी कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था क्योंकि उन्हें अपनी मूल शाखा में ही जाना होता था, लेकिन अब इसे किसी भी करीबी शाखा में जाकर या वर्चुअल तरीके से किया जा सकता है।
ग्राहक निम्न माध्यमों से KYC अपडेट कर सकेंगे:
- किसी भी बैंक शाखा में जाकर
- वीडियो कॉल के माध्यम से
- बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स के जरिए (ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से फायदेमंद)
दस्तावेजों के सत्यापन के बाद खातों को फिर से सक्रिय किया जा सकेगा। जरूरी है कि खाता धारक समय पर यह प्रक्रिया पूरी करें ताकि उनके खाते चलन में बने रहें।
निष्कर्ष
भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियम खाताधारकों की सहायता, सुरक्षा और सुविधा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करना, KYC प्रक्रिया को सरल बनाना, और नाबालिगों के खातों के संचालन को स्पष्ट दिशा देना – ये सभी कदम बैंकों और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद हैं। ऐसे में अगर आपका खाता निष्क्रिय है या KYC अपडेट नहीं है, तो बिना देर किए इसे जल्द से जल्द पूरा करें और अपने बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाएं।